विविध विषयों पर मुनि जी के लेख - चुनावी GT- 444

मुसलमानों के गलत होने पर भी इंडी गठबन्धन के लोग उकसाते है-
2 दिन पहले शुक्रवार को दिल्ली में नमाज पढ़ने वालों ने सड़क जाम कर दी थी कई बार समझाने और चेतावनी के बाद भी वे सड़क खाली करने को तैयार नहीं हुए तो एक पुलिस वाले ने बहुत हिम्मत करके उन्हें धक्का दे दिया लात मार दी। इस घटना पर प्छक्प् गठबंधन के लोगों ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया और मुसलमानों को उकसाया। मुसलमान वहां नारेबाजी करने लगे चोरी और सीनाजोरी का इससे अधिक अच्छा और कोई उदाहरण नहीं हो सकता। पुलिस वाला किसी भी रूप में गलत नहीं था गलत थे वे लोग जो सड़क जाम करके आवागमन को अवरुद्ध कर रहे थे। वह स्थान नमाज पढ़ने के लिए नहीं था यदि कोई व्यक्ति किसी प्रतिबंधित जगह पर जूते पहन कर चला जाता है तो जूते पहन कर जाने वाला गलत है उसे हटाने वाला नहीं। सड़क आवागमन के लिए खुली हुई है आप अपने घर में नमाज पढ़ सकते हैं। आश्चर्यजनक यह है कि साम्प्रदायिक प्छक्प् गठबंधन के लोग मुसलमानों के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। आज सारा भारत देख रहा है कि कांग्रेस पार्टी में भगदड़ मची हुई है क्योंकि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की साम्प्रदायिकता से परेशान है। राहुल गांधी निरंतर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की तरफ बढ़ रहे हैं, राम मंदिर उद्घाटन का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के लोग धर्मनिरपेक्ष प्रवृत्ति के हैं वे राहुल गांधी की नीतियों के विरोध में है, लेकिन तानाशाह राहुल किसी को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता नहीं दे रहे। सोनिया प्रियंका और राहुल मिलकर के सारी नीतियां बना रहे हैं इसलिए कांग्रेस पार्टी में भगदड़ मची हुई है। पहले तो प्रतिदिन एक नेता कांग्रेस छोड़ता था अब तो भारी संख्या में भागने वालों की लाइन लगी हुई है। मेरे विचार से कांग्रेस छोड़ने की अपेक्षा सब मिलकर अगर राहुल गांधी से मुक्ति पा लें तो देश के लिए अधिक अच्छा होगा। देश को अल्पसंख्यक तुष्टीकरण नहीं समान नागरिकता चाहिए।

 

प्रताड़ित हिन्दुयों को नागरिकता -
नागरिकता कानून में संशोधन लागू हो गया है। अब पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान के आये हिंदू भारत में रह सकते हैं लेकिन मुसलमान नहीं रह सकते। इस संबंध में विपक्ष दो गुटों में बंटा हुआ है। अरविंद केजरीवाल तथा कुछ अन्य लोग यह प्रचार कर रहे हैं कि इससे कई करोड़ पाकिस्तानी हिंदू भारत में आ जाएंगे। भारत की आबादी बढ़ जाएगी, भारत में अव्यवस्था हो जाएगी, हम रोजगार नहीं दे सकेंगे, इसलिए विदेशियों को भारत में आने से रोक देना चाहिए चाहे हिंदू हो या मुसलमान। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी तथा कुछ अन्य दलों का कहना है कि हिंदू मुसलमान में भेद नहीं करना चाहिए सबको भारत की नागरिकता दे देनी चाहिए चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान। सरकार ने इन दोनों के बीच का मार्ग चुना है अर्थात सरकार मुसलमान को मुस्लिम देशों में प्रताड़ित नहीं मान रही है हिन्दुओं को प्रताड़ित मान रही है इसलिए हिन्दुओं को शरणार्थी माना जा रहा है और मुसलमान को घुसपैठिया। अरविंद केजरीवाल ने जो कहा वह बात ठीक नहीं दिखती है क्योंकि कानून के अनुसार 2014 के पहले आने वाले हिंदू ही शरणार्थी माने जाएंगे 2014 के बाद वाले नहीं। इस तरह अरविंद जी की यह धारणा ठीक नहीं है कि कई करोड़ पाकिस्तानी हिंदू भारत में आ जाएंगे। दूसरी ओर अन्य अनेक लोगों ने यह आशंका व्यक्त की है कि भारत के रहने वाले घुसपैठिए मुसलमानों को धीरे-धीरे निकाल दिया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो मेरे विचार से इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जिन लोगों ने चोरी छिपे भारत में आकर रहना शुरू कर दिया है, उनमें से यदि कुछ लोगों को चुन-चुन कर निकाल दिया जाए तो इसमें गलत क्या है। मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने जो किया है वह बहुत ही ठीक किया है और विपक्ष को इस विषय में एक स्पष्ट राय देनी चाहिए। सबसे पहले तो विपक्ष को यह बात साफ करनी चाहिए कि वह अरविंद केजरीवाल के विचारों से सहमत है अथवा कांग्रेस के विचारों से दोनों विचार विरोधाभासी हैं।

 

केरल से भी साम्यवाद समाप्ति की ओर-
देश बिल्कुल ठीक दिशा में जा रहा है। अब केरल में भी अगले चुनाव में साम्यवाद समाप्त होने वाला है। अनुमानों के अनुसार केरल की अधिकांश सीट कांग्रेस को मिलने वाली है। बंगाल में साम्यवाद को ममता ने समाप्त कर दिया और बचा खुचा अब केरल से भी बाहर जा रहा है। साम्यवाद का समाप्त होना, भारत के आम जनता की विजय है। साम्यवाद समाप्त हो जाएगा तो अगला नंबर इस्लाम का लगेगा और इस्लाम और साम्यवाद जब दोनों खत्म हो जाएंगे तब बची खुची कांग्रेस भी समाप्त हो जाएगी। मुझे इस बात की खुशी है की दुनिया से साम्यवाद के समापन की शुरुआत भारत से हो रही है। इस्लाम के भी समापन की शुरुआत भारत से ही होगी। भारत की जनता इस बात के लिए बधाई की पात्र है, अगले आम चुनाव की प्रतीक्षा कीजिए।
चुनाव की तारीख घोषित हो गई है सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में सक्रिय हो गए हैं। जनता भी धीरे-धीरे चुनाव के लिए तैयार हो रही है। यह बात साफ दिख रहा है कि इस बार का चुनाव अन्य चुनावों से कुछ अलग होगा अर्थात पहले के चुनाव सरकार बनाने के लिए लड़े जा रहे थे। इस बार का चुनाव इस बात पर लड़ा जा रहा है कि संविधान संशोधन का अधिकार वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को मिलना चाहिए या नहीं मिलना चाहिए। क्या मोदी सरकार का दो तिहाई बहुमत आना चाहिए इस बात पर देश में बहस छिड़ी हुई है। अधिकांश हिंदू इस बात से सहमत हैं की वर्तमान सरकार को दो तिहाई बहुमत मिलना चाहिए। जबकि भारत के मुसलमान कम्युनिस्ट और इन दोनों के समर्थक विपक्षी नेता पूरी जोर शोर से इसके विरुद्ध प्रचार कर रहे हैं कि सरकार को दो तिहाई बहुमत मिलना खतरनाक होगा। क्योंकि यदि दो तिहाई बहुमत मिलेगा तो सरकार मनमाने संविधान संशोधन कर सकती है। मेरा अपना विचार है कि जब तक संविधान संशोधन का अधिकार वर्तमान सरकार को नहीं मिलेगा तब तक वर्तमान सरकार अपनी सफलता सिद्ध नहीं कर पाएगी। इसलिए भारत की जनता को इस विषय पर गंभीरता से सोचना चाहिए कि सरकार को पूरी ताकत देने की जरूरत है। कम्युनिस्ट और मुसलमान मिलकर सरकार को दो तिहाई बहुमत से ना रोक सके यह बात गंभीरता से समझने की जरूरत है।

 

लूटमार वाली है बैलेट प्रणाली-
कांग्रेस पार्टी पुराने जमाने में वैलेट पेपर में भ्रष्टाचार करके ही चुनाव जीता करती थी। बूथ कब्जा होता था और क्या-क्या घपला होते थे वह सब हम लोगों ने बहुत बार देखा है। लेकिन जब से ईवीएम आई है उस तरह के घपले या तो कम हो गए हैं या समाप्त हो गए हैं। कांग्रेस पार्टी पिछले 30-40 वर्षों में ईवीएम का उपयोग करके लगातार चुनाव हारते जा रही है और अब उन्होंने यह मान लिया है कि हम नरेंद्र मोदी से जीतने की क्षमता नहीं रखते। इसलिए वे जानबूझकर अब यह चाहते हैं कि किसी तरह पुराने जमाने को ही ला करके चुनाव जीता जा सकता है, अन्यथा और कोई उपाय नहीं है। इसलिए कांग्रेस पार्टी सारा प्रचार छोड़कर, सारे प्रयत्न छोड़कर वही लूटमार वाली बैलेट प्रणाली लागू कराना चाहती है। मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट और भारत की जनता फिर से उस प्रणाली को लागू नहीं होने देना चाहेगी और हम लोग अब धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी की शव यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी को या तो जन जागरण पर विश्वास करना पड़ेगा अन्यथा समाप्त होने के अलावा कोई उपाय नहीं है।