न्यायिक जाँच में खुलती दिल्ली के स्कूलों की कलई : GT 446

न्यायिक जाँच में खुलती दिल्ली के स्कूलों की कलई :

२          समाचार है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार द्वारा संचालित 10 स्कूलों की व्यवस्था की जांच करवाई। उच्च न्यायालय ने यह पाया कि वहां की सारी स्थिति बहुत ही खराब है । उच्च न्यायालय ने इसके लिए दिल्ली सरकार के पदाधिकारियों को अपने न्यायालय में बुलाकर उनसे पूछताछ की और उन्हें इस बात के लिए डांटा कि आखिर दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों की इतनी हालत खराब क्यों है। प्रश्न यह खड़ा होता है की दिल्ली उच्च न्यायालय गलत है अथवा वहां के स्कूलों की हालत इतनी दयनीय है । यह बात समझ में नहीं आ रही है कि अभी तक दिल्ली सरकार अपने स्कूलों का दुनिया में ढिंढोरा पीटती थी। आखिर मनीष सिसोदिया के जेल जाते ही या अरविंद केजरीवाल के जेल जाते ही इतनी स्थिति बदल कैसे  गई । या तो स्कूलों की हालत वास्तव में खराब थी और विज्ञापन के माध्यम से उन्हें बहुत अच्छा प्रचारित किया जा रहा था अथवा कुछ गिने-चुने स्कूलों को बहुत अधिक सुधार कर दुनिया को उन्हीं का विजिट कराया जा रहा था । यह भी हो सकता है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों पर अनेक कानूनी प्रतिबद्ध लगाकर उनके स्तर को इतना गिराया जा रहा था कि वह कंपटीशन ही ना कर सके। कारण चाहे जो भी रहा हो लेकिन यह बात अवश्य सोचनीय है कि अरविंद जी के जेल जाते ही दिल्ली सरकार और दिल्ली की व्यवस्था इतनी लड़खड़ा कैसे गई । दिल्ली की पानी की व्यवस्था के विषय में तो अरविंद जेल से ही चिंता जाहिर कर चुके हैं, अन्य मामलों में भी दिल्ली की स्थिति खराब बताई जा रही है । वैसे मेरा व्यक्तिगत अनुभव यह है कि यदि कोई तानाशाह एकाएक किनारे हो जाता है तो सारी व्यवस्था चौपट हो जाती है । अरविंद केजरीवाल भारत की राजनीति में सबसे बड़े तानाशाह माने जाते हैं और अरविंद के दूर होते ही यह बात भी साफ दिखने लगी है। मैं यह चाहता हूं कि सच्चाई समाज के सामने आनी चाहिए ।