लोक स्वराज ही सभी समस्याओं का वास्तविक समाधान है।

3 नवंबर — प्रातःकालीन सत्र

वर्तमान समय में विश्व यह समझने लगा है कि लोकतंत्र यद्यपि तानाशाही का एक विकल्प अवश्य है, परंतु वह स्थायी समाधान नहीं है। लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाए हुए हमें काफी समय हो गया, फिर भी न तो तानाशाही की प्रवृत्तियों पर अंकुश लग पाया, न ही समाज की मूल समस्याओं का समाधान हो सका।

इसी कारण अब यह आवश्यक हो गया है कि हम लोकतंत्र के विकल्प की खोज करें — और वह विकल्प भारत दे सकता है। हमने सामूहिक रूप से यह निश्चय किया है कि लोकतंत्र के स्थान पर लोक स्वराज की भावना को आगे बढ़ाया जाए। भारत से इसकी शुरुआत कर हम पूरे विश्व को लोक स्वराज का संदेश देंगे।

वर्तमान परिस्थितियाँ हमारे पक्ष में हैं। आज भारत की राज्य सत्ता का नेतृत्व श्री नरेंद्र मोदी और श्री मोहन भागवत कर रहे हैं — नरेंद्र मोदी लोक स्वराज की दिशा में अग्रसर हैं, जबकि मोहन भागवत नरम हिंदुत्व के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।

दुनिया में लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए नरम हिंदुत्व ही सबसे उपयुक्त मार्ग सिद्ध हो सकता है। सौभाग्य से अब हमें सत्ता का भी समर्थन प्राप्त है। इस सहयोग के बल पर हम विश्व को नरम हिंदुत्व के माध्यम से लोक स्वराज की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं।

अतः आइए, हम सब मिलकर नरम हिंदुत्व के मार्ग से लोकतंत्र को लोक स्वराज में रूपांतरित करने का प्रयास करें — ताकि न तानाशाही का खतरा रहे, न अराजकता फैले। ऐसा होने पर उग्रवाद और आतंकवाद जैसी समस्याएँ भी समाप्त होंगी।

लोक स्वराज ही सभी समस्याओं का वास्तविक समाधान है।