कांग्रेस सरकार में हिंदी का विरोध GT-440

कांग्रेस सरकार में हिंदी का विरोध:

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने हिंदी के विरोध में अभियान छेड़ दिया था। स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ने को प्रोत्साहित किया जा रहा था तो दूसरी ओर समाज में छत्तीसगढ़ी भाषा को आगे बढ़ाया जा रहा था। अंग्रेजी और छत्तीसगढ़ी दोनों का कोई मेल नहीं है लेकिन हिंदी के विरुद्ध एक षड्यंत्र किया जा रहा था। छत्तीसगढ़ की जनता ने इन षड्यंत्र कार्यों को नतीजा दिखा दिया। आज एक बड़े दक्षिण भारतीय नेता ने यह घमंड किया है कि हमारे तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों से टॉयलेट साफ कराया जाता है। यह बात सच हो सकती है कि आपके तमिलनाडु में हिंदी भाषी की यह स्थिति हो और उनका कोई महत्व न हो। लेकिन अब धीरे-धीरे भारत की स्थिति बदल रही है जैसा आज हिंदी के साथ हो रहा है। भविष्य में 10 वर्षों के बाद अंग्रेजी की वही दुर्दशा होने वाली है। दया निधि मारन को भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए। अन्य विपक्षी दलों को भी हिंदी के बारे में अपनी बात साफ करनी चाहिए। मैं नीतीश कुमार को बधाई देता हूँ कि उन्होंने हिंदी के लिए मजबूत कदम उठाया और विपक्षी दलों की मीटिंग में हिंदी के पक्ष में मजबूत बात रखी। काश राहुल गांधी भी ऐसा सोच पाते।