विपक्ष का एक मजबूत विकल्प हो सकते हैं अरविन्द केजरीवाल : GT-448
विपक्ष का एक मजबूत विकल्प हो सकते हैं अरविन्द केजरीवाल :
अरविंद केजरीवाल जेल से जमानत पर छूट कर आ गए हैं, यह बात तो नहीं कहीं जा सकती है कि वह मेरिट पर छूटे हैं या किसी जुगाड़ से छूटे हैं, लेकिन छूट गए हैं या बात सही है और यह भी संभावना है कि दोबारा इस मामले में जेल भी जाना पड़े। मैं अरविंद केजरीवाल को लंबे समय से जानता हूँ। मैंने कई बार लिखा भी है कि प्रधानमंत्री की योग्यता के मामले में नरेंद्र मोदी के बाद नीतीश कुमार और नीतीश के बाद अरविंद की ही योग्यता है, अन्य चौथा कोई प्रधानमंत्री बनने की योग्यता नहीं रखता। वर्तमान समय में प्रधानमंत्री का मामला तो साफ हो चुका है कि नरेंद्र मोदी के सामने अभी कोई नहीं है लेकिन विपक्ष के नेता के रूप में नीतीश कुमार ने अपने को किनारे कर लिया है और सीधी टक्कर अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच में है जिसमें अरविंद केजरीवाल मजबूत पड़ सकते हैं क्योंकि राहुल गांधी में शराफत अधिक है चतुराई कम है, अरविंद केजरीवाल में चतुराई धूर्तता की सीमा तक चली जाती है जो राजनीति का एक आवश्यक गुण माना जाता है। इसलिए विपक्ष के नेता के रूप में अरविंद केजरीवाल की संभावना अधिक दिखती है। नरेंद्र मोदी की तुलना में अरविंद केजरीवाल परिश्रमी भी ज्यादा है और चालाक भी ज्यादा। अरविंद केजरीवाल में मोदी की अपेक्षा तानाशाही के लक्षण भी बहुत ज्यादा हैं, नरेंद्र मोदी में चालाकी के साथ-साथ शराफत के भी गुण है, ईमानदारी के भी गुण हैं, अरविंद केजरीवाल इस प्रकार की कमजोरी से मुक्त है । इस तरह अरविंद केजरीवाल विपक्षी नेता के रूप में मजबूती से कदम बढ़ा रहे हैं । जेल से छूटने के बाद अरविंद केजरीवाल के भाषण पर यदि नजर दौड़ाएं तो आप देखेंगे कि उन्होंने साफ-साफ कहा की बहुमत किसी दल को नहीं मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी 230 सीटों तक सिमट जाएगी और सरकार बनाने में आम आदमी पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्ते खुले रखे हैं, दूसरी बात अरविंद केजरीवाल ने यह कही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अमित शाह बन सकते हैं और ममता बनर्जी या कुछ अन्य मुख्यमंत्री भी जेल में डाले जा सकते हैं। तीसरी बात उन्होंने यह भी कही है कि मैं लालू प्रसाद यादव को अपना गुरु मानता हूँ। स्पष्ट है कि जेल की सजा होने के बाद जिस बेशर्मी से लालू प्रसाद यादव बड़े नेता बने रहे और आज भी राजनीति में उतने ही महत्वपूर्ण है, वह बेशर्मी अरविंद केजरीवाल को लालू प्रसाद से ही मिल सकती है, किसी अन्य जगह नहीं मिल सकती। इसलिए लालू को अपना गुरु मानकर अरविंद ने एक और संदेश दे दिया है। यह बात तो बिल्कुल साफ है कि भारतीय राजनीति में अरविंद केजरीवाल ही एकमात्र ऐसे बड़े नेता हैं, जो किसी को भी धोखा दे सकते हैं, मैं भी बड़ी मुश्किल से अंतिम स्थिति में धोखा खाते-खाते बचा अन्यथा मैं भी उसी की श्रेणी में आ जाता, लेकिन यही धोखा देने की प्रवृत्ति अरविंद केजरीवाल का काल भी बन सकती है । अरविंद केजरीवाल ने जिन-जिन को धोखा दिया वे सब नेपथ्य में चले गए, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह सिक्ख उग्रवादियों से धन लेकर उन्हें धोखा दिया है। वह एक खतरनाक स्थिति बन सकती है क्योंकि सिक्ख उग्रवादी अपने शत्रु को माफ कर सकते हैं लेकिन धोखा देने वाले को कभी माफ नहीं करते। इंदिरा गांधी भी इसका उदाहरण है और भी इसके अनेक उदाहरण आपको देखने को मिल सकते हैं। यदि अरविंद केजरीवाल ने सिक्ख उग्रवादियों से सैकड़ो करोड़ रूपया लेकर उनको धोखा दिया है, तो भविष्य में यह धोखा बुरे परिणाम भी दे सकता है। इसलिए अरविंद केजरीवाल के सामने यह बहुत बड़ा संकट है, कि वह सिक्ख उग्रवादियों को प्रसन्न करें या इस तरह धोखा दे, जिस तरह ममता बनर्जी ने बंगाल के नक्सलवादियों को दिया था। किस रास्ते पर जाएंगे यह अरविंद केजरीवाल सोचेंगे, लेकिन मेरे विचार से विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस पार्टी का विकल्प अरविंद केजरीवाल ही दिख रहे हैं, और अरविंद केजरीवाल के लिए सबसे बड़ा खतरा सिक्ख उग्रवादी ही बन सकते हैं।
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