वर्तमान विश्व में वर्ग निर्माण एक गंभीर समस्या है।
28 जून, प्रातःकालीन सत्र
वर्तमान विश्व में वर्ग निर्माण एक गंभीर समस्या है। समाज में लोग मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं: अच्छे और बुरे। एक ओर वे जो कानून और सामाजिक नियमों का पालन करते हैं, दूसरी ओर वे जो इनका उल्लंघन करते हैं। हम इन्हें क्रमशः सामाजिक और अपराधी कहते हैं। इस आधार पर समाज में केवल दो वर्ग हो सकते हैं।
राज्य की भूमिका स्पष्ट है: अच्छे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और बुरे लोगों को गलत कार्यों से रोकना। इससे अधिक राज्य का कोई दायित्व नहीं है। धर्म की भूमिका भी यही है कि वह अच्छे लोगों को प्रोत्साहित करे और बुरे लोगों को हतोत्साहित करे।
आज समाज में अच्छे-बुरे के आधार पर वर्गीकरण के बजाय धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र, लिंग, आयु, और आर्थिक स्थिति जैसे आधारों पर संगठन बनाए जा रहे हैं। यह प्रवृत्ति इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि राज्य की नीयत समाज को विखंडित कर उसे नियंत्रित करना चाहती है। ऐसी वर्ग व्यवस्था अपराधियों को छिपने का अवसर देती है।
हम प्रस्तावित नई व्यवस्था में किसी भी आधार पर वर्ग निर्माण को अस्वीकार करेंगे और इसे सामाजिक व संवैधानिक मान्यता नहीं देंगे। केवल दो वर्ग मान्य होंगे: अच्छे और बुरे। अन्य सभी आधारों पर बने संगठनों को भंग किया जाएगा।
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