उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस विषय में क्या प्रतिक्रिया दें, क्योंकि विपक्षी दल प्रायः राहुल गांधी के बयान के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया तय करते हैं।
संशोधित संस्करण:
भारतीय वायुसेना ने कल घोषणा की कि भारत-पाकिस्तान टकराव के दौरान हमारी सेना ने पाकिस्तान के 6 विमान मार गिराए थे। इस घोषणा से भारत के विपक्षी खेमे में अचानक चिंता फैल गई है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस विषय में क्या प्रतिक्रिया दें, क्योंकि विपक्षी दल प्रायः राहुल गांधी के बयान के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया तय करते हैं।
इस मामले में राहुल गांधी अब तक मौन हैं। कारण यह है कि वे स्वयं से कुछ कम ही बोलते हैं, और प्रायः ट्रंप, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों की लाइन के अनुसार ही बयान देते हैं। संभवतः पाकिस्तान ने अभी इस विषय में कुछ नहीं कहा है, इसलिए राहुल गांधी भी चुप हैं—और राहुल गांधी के चुप रहने पर अन्य विपक्षी नेता भी चुप हैं।
यही कारण है कि कई लोग राहुल गांधी को देशद्रोही मानते हैं, क्योंकि वे भारत के खिलाफ बोलने वाले तमाम देशों का प्रतिनिधित्व भारत के भीतर करते हैं। चीन खुले तौर पर यह नहीं कहता कि उसने भारत की कितनी भूमि कब्जाई है, लेकिन अपनी बात राहुल गांधी से कहलवाता है। अमेरिका की यह राय कि भारत की अर्थव्यवस्था मरणासन्न है, देश में बार-बार राहुल गांधी ही दोहराते हैं, क्योंकि यह बयान ट्रंप ने दिया था।
भारत के कितने विमान गिरे, यह न तो अमेरिका ने कहा, न पाकिस्तान ने, लेकिन बार-बार यह मुद्दा राहुल गांधी ही उठाते हैं—यहां तक कि राफेल के गिरने की बात भी वे ही फैलाते हैं। दुनिया में भारत को कमजोर दिखाने का ठेका मानो उन्होंने ले रखा हो। यह काम वे पैसे के लिए करते हैं, राजनीतिक लाभ के लिए, मूर्खता में, या किसी और कारण से—यह स्पष्ट नहीं। पर इतना तय है कि दिन-रात वे इसी कार्य में लगे रहते हैं।
इसीलिए हमारे पूर्वजों ने सही कहा था—मूर्ख की मित्रता भी अत्यंत हानिकारक होती है।
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