स्वराज यात्रा : ज्ञानेन्द्र आर्य, राजपाल मिश्र, मोहन गुप्ता
स्वराज यात्रा का वृतांत....
स्वराज यात्रा: समीक्षा
स्वराज यात्रा मां संस्थान और ज्ञान यज्ञ परिवार के तत्वावधान में शुरू की गई एक वैचारिक और सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य ग्राम और वार्ड स्तर पर ज्ञान केंद्रों की स्थापना के माध्यम से समाज सशक्तिकरण, वर्ग समन्वय, और व्यवस्था परिवर्तन को बढ़ावा देना है। यह यात्रा 2 जुलाई 2025 को रामानुजगंज से प्रारंभ हुई और इसके पांच पड़ावों—अदारी (मऊ), गोरखपुर, दरियाबाद (मधुवन तहसील, मऊ), मोहम्मदाबाद (गाजीपुर), और नागेपुर (बनारस)—में विभिन्न गतिविधियों और बैठकों के माध्यम से अपने उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। सुप्रसिद्ध मौलिक विचारक बजरंग मुनि जी की प्रेरणा से शुरू हुई यह यात्रा ग्राम सभाओं को संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने, सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने, और वैचारिक परिवर्तन की आधारशिला रखने का प्रयास है।
प्रवासी : ज्ञानेंद्र आर्य, मोहन गुप्ता, राजपाल मिश्रा
यात्रा का अवलोकन
स्वराज यात्रा का मूल उद्देश्य ज्ञान केंद्र योजना को जन-जन तक पहुंचाना है, जो तीन आयामों पर केंद्रित है:
- संवैधानिक व्यवस्था परिवर्तन : ग्राम सभाओं को संविधान के 73वें संशोधन के तहत प्राप्त 29 विधाई अधिकारों को लागू करना और संविधान संशोधन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करना।
- समाज सशक्तिकरण : परिवारिक ढांचे को मजबूत करना।
- वैचारिक परिवर्तन : विपरीत विचारधारा वाले व्यक्तियों के साथ निश्चित विषय पर विचार-मंथन
यात्रा का नेतृत्व ज्ञानेंद्र आर्य , मोहन गुप्ता , और राजपाल मिश्रा ने किया। प्रत्येक पड़ाव पर स्थानीय समितियों का गठन, विचार-विमर्श, और ज्ञान केंद्रों की स्थापना इस यात्रा की मुख्य उपलब्धियां रहीं। सभी स्थानों पर 12-16 फरवरी 2026 को रामानुजगंज में आयोजित होने वाले ज्ञानोत्सव के लिए निमंत्रण दिया गया।
पड़ाव-दर-पड़ाव समीक्षा
- प्रथम पड़ाव: अदारी नगर पंचायत, मऊ (2 जुलाई 2025)
- स्थान : शिव मंदिर, अदारी
- मुख्य आयोजक : श्री निरंजन विश्वकर्मा
- विशेषताएं : - आचार्य सुनील देव शास्त्री जी की प्रस्तावित भागवत कथा स्थगित होने के बावजूद, निरंजन विश्वकर्मा ने स्वागत और बैठक आयोजित की।
- वर्षा के बावजूद 25 ग्रामवासियों की उपस्थिति।
- बजरंग मुनि जी के विचारों और ज्ञान केंद्र योजना पर चर्चा।
- उपलब्धि : 11 सदस्यीय ज्ञान केंद्र समिति का गठन, प्रमुख: निरंजन विश्वकर्मा ।
- महत्व : प्रथम पड़ाव पर ज्ञान केंद्र की स्थापना और स्थानीय उत्साह ने यात्रा की सफल शुरुआत की।
- दूसरा पड़ाव: गोरखपुर (3 जुलाई 2025)
- मुख्य आयोजक : राजपाल मिश्रा, अध्यक्षता: शैलेंद्र दुबे
- विशेषताएं : - 30+ कार्यकर्ताओं की उपस्थिति (राकेश शर्मा, राजेंद्र राय, राजीव जी)।
- गोरखपुर जिला ज्ञान केंद्र समिति और क्षेत्रीय समन्वय समिति का गठन।
- ज्ञानोत्सव के लिए निमंत्रण।
- उपलब्धि : ज्ञान केन्द्र समिति के प्रमुख दिनेश शर्मा समन्वय समिति के प्रमुख राकेश रॉय।
- महत्व : क्षेत्रीय स्तर पर योजना के प्रसार के लिए मजबूत आधार तैयार।
- तीसरा पड़ाव: दरियाबाद, मधुवन तहसील, मऊ (4 जुलाई 2025)
- स्थान : ग्राम प्रधान विक्रमा मौर्या का आवास।
- मुख्य आयोजक : अनोखेलाल (संचालन), राम अवध मौर्य (अध्यक्षता)
- विशेषताएं : - 20+ लोग उपस्थित, जिसमें शिव शंकर उपाध्याय, राम आज्ञा राजभर शामिल।
- दरियाबाद में ज्ञान केंद्र की स्थापना, प्रमुख: विक्रमा मौर्या ।
- ज्ञानोत्सव के लिए निमंत्रण।
- महत्व : क्षेत्र की क्रांतिकारी परंपराओं ने वैचारिक जागरण को बल दिया।
- चौथा पड़ाव: मोहम्मदाबाद, गाजीपुर (5 जुलाई 2025)
- मुख्य आयोजक : जितेंद्र चौरसिया, मनोज गुप्ता, प्रेमनाथ गुप्ता (संचालन)
- विशेषताएं : - 40+ लोगों की उपस्थिति (गुलाब चन्द राजभर, अवधेश सिंह कुशवाहा)।
- प्रमुख: रामजी गिरी ।
- स्वराज की चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा।
- महत्व : विभिन्न संगठनों की सहमति ने यात्रा को व्यापक समर्थन दिलाया।
- पांचवां पड़ाव: नागेपुर, बनारस (6 जुलाई 2025)
- स्थान : लोक समिति आश्रम
- मुख्य आयोजक : नंदलाल मास्टर (संचालन)
- विशेषताएं : - 40+ महिलाएं और पुरुष उपस्थित, जिसमें ग्राम प्रधान और कार्यकर्ता शामिल।
- ज्ञानोत्सव के लिए निमंत्रण।
- महत्व : महिलाओं की भागीदारी और ग्राम सभाओं का सशक्तिकरण इस पड़ाव की विशेषता।
प्रमुख उपलब्धियां
- ज्ञान केंद्रों की स्थापना :
- अदारी : प्रमुख: निरंजन विश्वकर्मा
- दरियाबाद : प्रमुख: विक्रमा मौर्या
- मोहम्मदाबाद : प्रमुख: रामजी गिरी
- गोरखपुर में समन्वय समिति गठित, नागेपुर में सामुदायिक जागरूकता।
- सामुदायिक जागरूकता :
- बजरंग मुनि जी के विचारों और संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा।
- सभी स्थानों पर 12-16 फरवरी 2026 को रामानुजगंज में ज्ञानोत्सव के लिए निमंत्रण।
- सामाजिक समन्वय :
- महिलाओं और पुरुषों की समान भागीदारी, विशेष रूप से नागेपुर में।
- विभिन्न संगठनों का समर्थन।
- आगामी योजनाएं :
- मां संस्थान द्वारा मध्य और पश्चिमी भारत में ज्ञान केंद्र योजना का प्रसार।
विश्लेषण और प्रभाव
स्वराज यात्रा ने ग्रामीण भारत में वैचारिक और सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी। स्थानीय नेतृत्व का उदय, समितियों का गठन, और सामाजिक समावेशिता इसकी सफलता के प्रमुख संकेतक हैं। बजरंग मुनि जी के विचारों ने ग्राम सभाओं को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मजबूत पक्ष :
- स्थानीय नेतृत्व का विकास।
- सामाज सौहार्द और समावेशिता।
- संवैधानिक और वैचारिक जागरूकता।
चुनौतियां :
- दीर्घकालिक निरंतरता के लिए संसाधन और प्रशिक्षण की आवश्यकता।
- प्रारंभिक पड़ाव में भागवत कथा का स्थगित होना।
निष्कर्ष
स्वराज यात्रा ने अपने पांच पड़ावों में ज्ञान केंद्रों की स्थापना और ग्राम सभाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। यह यात्रा बजरंग मुनि जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने और वैचारिक क्रांति की शुरुआत करने में सफल रही। ज्ञानोत्सव और मां संस्थान की योजनाएं इसे और व्यापक बनाएंगी। यह यात्रा विचार, समन्वय, और परिवर्तन का तीर्थ बनने की दिशा में अग्रसर है।
सुझाव :
- ज्ञान केंद्रों में नियमित प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम।
- डिजिटल माध्यमों से योजना का प्रसार।
- ग्राम सभाओं के साथ स्थानीय समस्याओं के समाधान हेतु कार्ययोजनाएं।
संपर्क :
- ज्ञानेंद्र आर्य: 8318621282
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