शराफत

शराफत

षेरः शराफत सडक पर पडी रो रही है।
शराफत की अम्मा कहॉ सो रही है।।

गीत
आज खतरे में अमन है, देश है, आवाम है।
अब शराफत को बचाना आप सब का काम है।।
लुट रही है आबरू, इज्जत सरे बाजार में,
न्याय कैदी है यहॉ, कानून अब नाकाम है।
अब शराफत को बचाना....................................।।
चोर गुण्डो की सियासत, का जहर फैला यहां,
ज्ञान दीपक जो जलाये, आज वो बदनाम है।
अब शराफत को बचाना....................................।।
कर रहा जो अपहरण, सीता का है इस दौर में,
मंच पर बैठा वही, चेहरा बदल कर राम है।
अब शराफत को बचाना....................................।।
ज्ञान मण्डल ज्ञान का, दीपक जलाये कह रहा,
हर तरफ छाया अन्धेरा, रोशनी का काम है।

अब शराफत को बचाना....................................।।
तोडना होगा हमें, मिलकर अन्धेरे का किला,

है चुनौती यह मुरारी वक्त का पैगाम है।

अब शराफत को बचाना....................................।।