कानूनी तिकड़मबाजी में फंसे हिंदुत्व के लिए यह चुनाव एक अवसर : GT-448
कानूनी तिकड़मबाजी में फंसे हिंदुत्व के लिए यह चुनाव एक अवसर :
राहुल गांधी ने एक भाषण में कहा है कि वर्तमान चुनाव विचारधाराओं का संघर्ष है, राजनीतिक टकराव नहीं। मैं राहुल गांधी से सहमत हूँ, पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता के तत्काल बाद ही हिंदुओं और मुसलमानो के बीच वैचारिक टकराव शुरू कर दिया था। बड़ी चालाकी से उन्होंने इस्लाम, जैन, बौद्ध, सिक्ख, इसाई सब को धर्म घोषित कर दिया, और हिंदुओं को विचारधारा घोषित किया धर्म नहीं। परिणाम हुआ कि धर्म के नाम पर संगठन बना कर वे सब लोग हिंदुओं पर हावी हो गए। नेहरू ने एक ऐसा संविधान बना दिया जिस संविधान के माध्यम से भी नेहरू को सुविधा हुई। न्यायपालिका में चुने हुए वामपंथियों को भर दिया गया, कानून भी इस प्रकार के बने जो एक तरफ मुसलमान को धर्म के नाम पर एकजुट करते थे, तो हिंदुओं को जाति के नाम पर आदिवासी और दलित के नाम पर एक-दूसरे से अलग करते थे, क्योंकि हिंदू को धर्म नहीं माना गया। अब लंबे समय बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तो नरेंद्र मोदी के पैरों में संविधान की एक मजबूत रस्सी बंधी हुई है। उस संविधान की जो नेहरू ने बनवाया था, उस संविधान की जिसकी चाबी नेहरू खानदान के पास है। नरेंद्र मोदी के हाथ उस न्यायपालिका ने बांध रखे हैं, जिसमें वामपंथियों का वर्चस्व है। नरेंद्र मोदी की जबान उन कम्युनिस्टों ने बांध रखी है, जो कम्युनिस्ट नेहरू खानदान से पुरस्कार प्राप्त है। बेचारे नरेंद्र मोदी चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि पैरों में रस्सियाँ बंधी हुई थी, न्यायपालिका ने हाथों को बांध रखा था, पुरस्कार प्रेमियों ने जबान पर बंधन लगा रखा था। अब बड़ी मुश्किल से नरेंद्र मोदी ने कुछ-कुछ बंधन ढीले किए हैं। अब राहुल गांधी का कहना है, कि यदि जनता ने नरेंद्र मोदी को अधिक बहुमत दे दिया, तो नरेंद्र मोदी इन बंधनों को तोड़ देंगे। नरेंद्र मोदी नेहरू के सरीखे स्वतंत्र हो जाएंगे, नरेंद्र मोदी हिंदुओं को समानता का अधिकार दे देंगे, दे सकते हैं, नरेंद्र मोदी हिंदुत्व को धर्म भी घोषित कर दें। अब भारत के आम लोगों को यह सोचना है, कि भारत को हिंदू मुसलमान पर चलना है, भारत को जातिवाद के बंधनों में जकड़ कर रखना है, भारत में वर्ग-संघर्ष को प्रोत्साहित करना है अथवा समान नागरिक संहिता, जाति मुक्त समाज, वर्ग-समन्वय। आप क्या चाहते हैं यह चुनना आपके हाथ में है।
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