जानबूझकर नुकसान पहुँचाना अपराध होगा, और अनजाने में नुकसान होना गलती मानी जाएगी।

 

14 नवंबर — प्रातःकालीन सत्र

नई व्यवस्था में समाज व्यवस्था और राज्य व्यवस्था को स्पष्ट रूप से अलग किया जाएगा। दोनों की कार्यप्रणाली तथा जिम्मेदारियाँ भी भिन्न होंगी।

किसी व्यक्ति द्वारा नुकसान पहुँचाने और किसी व्यक्ति के किसी कार्य से अनजाने में नुकसान हो जाने — इन दोनों स्थितियों के बीच स्पष्ट अंतर किया जाएगा।

  • यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य को जानबूझकर नुकसान पहुँचाता है, तो इसे बुरी नीयत माना जाएगा।
  • यदि किसी व्यक्ति के किसी कार्य से अनजाने में नुकसान हो जाता है, और उसकी नीयत नुकसान पहुँचाने की नहीं थी, तो इसे भूल माना जाएगा।

     जानबूझकर नुकसान पहुँचाना अपराध होगा, और अनजाने में नुकसान होना गलती मानी जाएगी।

  • यदि कोई व्यक्ति अपराध करता है, तो उसका दंड सरकार निर्धारित करेगी।
  • यदि किसी व्यक्ति की भूल से नुकसान हुआ है, तो इसका निर्णय समाज करेगा। यदि समाज का निर्णय प्रभावित व्यक्ति को स्वीकार्य नहीं होगा, तभी सरकार हस्तक्षेप करेगी, अन्यथा नहीं।

नई व्यवस्था में यह सिद्धांत लागू होगा कि अपराध और गलती के बीच बहुत स्पष्ट अंतर किया जाए

इसके अतिरिक्त:

  • यदि कोई सरकारी कर्मचारी, उच्च पदाधिकारी, या उच्च वर्ण का व्यक्ति अपराध करता है, तो उसे सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक दंड दिया जाएगा।
  • लेकिन यदि वही व्यक्ति केवल गलती करता है, तो उसकी स्थिति और जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए उसे अन्य की तुलना में कम दंड दिया जाएगा।