विदेशी उच्च शिक्षित और देशी ज्ञानियों के बीच चुनाव : GT 446
विदेशी उच्च शिक्षित और देशी ज्ञानियों के बीच चुनाव :
३ भारत में जो वर्तमान चुनाव हो रहे हैं, यह चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं है । यह चुनाव दो विचारधाराओं के बीच टकराव है, दो संस्कृतियों के बीच टकराव है या कहें तो दो व्यक्तित्व के बीच टकराव है । एक तरफ है विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त किए हुए अज्ञानी लोग, जिन्हें विदेशी संस्कृति का बहुत अनुभव है जिन्हें विदेशी संस्कृति पर गर्व भी है गर्व से ये लोग कहते भी हैं कि मैं हार्वर्ड का पढ़ा हुआ हूं । मुझे विदेश में सम्मान दिया गया है इसके अलावे अन्य अनेक बातें करते हैं । दूसरी तरफ है एक अल्प शिक्षित ज्ञानी लोग जो कहते हैं कि मैं भारत के हिमालय में ज्ञान प्राप्त किया हूं, जो कहते हैं कि मैं जंगलों में घूम- घूमकर अनुभव प्राप्त किया हूं, मेरी शिक्षा तो बहुत कम है लेकिन ज्ञान के आधार पर मैं अन्य सब लोगों से मजबूत हूं । एक भारत में विदेशी संस्कृति को मजबूत करना चाहते हैं क्योंकि उनकी नजर में विदेशी संस्कृति भारतीय संस्कृति की तुलना में बहुत आगे है दूसरे यह प्रस्तुत कर रहे हैं कि हमें भारतीय संस्कृति पर गर्व है, हम दुनिया में भारतीय संस्कृति को पहुंचाएंगे और हम दुनिया की अन्य संस्कृतियों से भारतीय संस्कृति को आगे लाने का प्रयास करेंगे । अब भारत के लोगों को यह निर्णय करना है कि वह किस संस्कृति के पक्षधर हैं अति उच्च शिक्षित अज्ञानियों की या अल्प शिक्षित ज्ञानियों की । हार्वर्ड से शिक्षा और सम्मान प्राप्त व्यक्तियों की या हिमालय के पहाड़ों से ज्ञान प्राप्त व्यक्तियों की । मैंने तो अपना निर्णय कर लिया है ।
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