मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया भाषण सुना। पूरे भाषण में उनका आत्मविश्वास बहुत प्रबल दिखाई दिया।
आज सुबह मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया भाषण सुना। पूरे भाषण में उनका आत्मविश्वास बहुत प्रबल दिखाई दिया। वर्तमान अमेरिका अथवा विश्व की परिस्थितियों से वे तनिक भी चिंतित नहीं लगे।
प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि आज भारत में संघ की विचारधारा धीरे-धीरे विदेशी संस्कृतियों का स्थान ले रही है। उन्होंने देश के व्यापारियों से अपेक्षा की कि वे अपनी दुकानों पर स्वदेशी वस्तुएँ बेचने की घोषणा करें। साथ ही, विदेशों से भारत में प्रवेश करने वाले मुसलमानों को एक गंभीर समस्या के रूप में चिन्हित किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दिवाली तक कर (टैक्स) में कटौती की संभावना है। उनके पूरे वक्तव्य से मेरा आत्मविश्वास और भी सुदृढ़ हुआ।
दूसरी ओर, विपक्षी दल और उनके नेता राहुल गांधी लगातार देश की एक अलग छवि प्रस्तुत करते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था मृतप्राय हो चुकी है, क्योंकि ट्रंप हमेशा सच ही बोलते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चीन ने भारत की भूमि पर कब्ज़ा कर लिया है और सैन्य दृष्टि से भारत चीन के सामने बिल्ली की तरह निर्बल है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना को गम्भीर क्षति पहुँचाई है।
पिछले दस वर्षों से राहुल गांधी लगातार नरेंद्र मोदी को ‘चोर’ कहकर संबोधित करते रहे हैं। पहले उनका नारा था— “चौकीदार चोर है”, और अब वे यह आरोप लगाते हैं कि नरेंद्र मोदी ने वोटों की चोरी करके चुनाव जीता है।
आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश की जनता यह तय करेगी कि भारत के प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता—इन दोनों में से कौन कितने प्रतिशत सच बोल रहा है और कौन कितने प्रतिशत असत्य।
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