भागवत ज्ञानकथा सप्ताह:

29.भागवत ज्ञानकथा सप्ताहः

आज मेरी भेंट अपने पुराने मार्गदर्शक आर एन सिंह जी से हुई। जिन्होंने अब स्वामी त्याग मूर्ति के नाम से संन्यास ग्रहण कर लिया है। मेरे निवेदन पर स्वामी जी ने रामानुजगंज में 13 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2023 तक 7 दिनों की भागवत कथा करना स्वीकार कर लिया है। स्वामी त्याग मूर्ति जी ने चर्चा के दौरान यह बताया कि दुनिया में अच्छे लोगों की संख्या बहुत कम है क्योंकि यह अच्छे लोग किसी दूसरे को कभी अच्छा नहीं मानते। दूसरे में भले ही 99 अच्छाइयां हो किंतु यदि एक भी कमजोरी है तो ये अच्छे लोग उसे बुरा मान लेते हैं। दूसरे ओर बुरे लोगों की संख्या भी बहुत कम है किंतु उनमें एक अच्छाई है कि वे अधिकांश लोगों को अच्छा मान लेते हैं। किसी व्यक्ति में 99 बुराइयां हो और एक अच्छाई हो तो बुरे लोग ऐसे व्यक्ति को अच्छा मानकर अपने साथ जोड़ लेते हैं। मैं समझता हूं कि वर्तमान वातावरण में स्वामी जी की बात पूरी तरह सच है। यही कारण है कि अच्छे लोगों की संख्या घटती जा रही है और बुरे लोगों की बढ़ती जा रही है। हर अच्छा आदमी स्वयं को छोड़कर बाकी पूरे समाज को बुरा मानता है। जबकि हर बुरा आदमी अपने को छोड़कर पूरे समाज को अच्छा मानता है। यह एक समाज के समक्ष बहुत बड़ी समस्या है।

रामानुजगंज में स्वामी त्याग मूर्ति जी की कथा का कल चौथा दिन था । बहुत अच्छी कथा हो रही है और इस कथा के प्रसंग में मैंने भी एक बात कही कि मैं अपने जीवन में चारों वर्णों का अनुभव प्राप्त किया है। मैं बचपन में ब्राह्मण था तो पूजा पाठ करने लग गया शादी विवाह करने लग गया और फिर राजनीति में आ गया। राजनीति के अच्छे पदों पर रहा और व्यापार भी करता रहा। तो मुझे वैश्य के भी सभी अनुभव हैं और मैं पूरे परिवार सहित खेतों में मजदूरी भी करता था तो मुझे श्रमशास्त्र का भी अनुभव है। इस तरह मैं चारों वर्णों का अनुभव प्राप्त करके इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि दुनिया में देवासुर संग्राम लगातार चल रहा है, आज भी चल रहा है और भविष्य में भी चलता रहेगा। हमें इस संग्राम में देवताओं के पक्ष में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए। इसी क्रम में स्वामी जी का करीब 2 घंटे का प्रवचन होता है और सुनील देव शास्त्री जी आधे घंटे वैचारिक संतुलनवादी हिन्दुत्व पर अपनी बात रखते हैं। इस तरह प्रतिदिन रामानुजगंज में 7  दिनों की कथा चल रही है जिसका आज पांचवा दिन है।