सरकारीकरण भ्रष्टाचार का माध्यम: GT-439
सरकारीकरण भ्रष्टाचार का माध्यम:
किसी भी प्रकार का सरकारीकरण भ्रष्टाचार के उद्देश्य से किया जाता है। सरकारीकरण में कई लाभ होते हैं उसमें जो सरकारी नौकर नई-नई भर्ती किए जाते हैं, वे सब वफादार हो जाते हैं वे वोट भी देते हैं। सरकारी नौकरों से भ्रष्टाचार में भी मदद मिलती है उनकी नियुक्ति के समय भी कई तरह के भ्रष्टाचार होते हैं। लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए नियुक्तियों में कितना भ्रष्टाचार किया यह जग जाहिर है। सरकारी करण के माध्यम से हमेशा भ्रष्टाचार के रास्ते खुलते चले जाते हैं इसलिए सभी सरकारी कर्मचारी और नेता सरकारी करण का समर्थन करते हैं वे यह मानते हैं कि लोकतंत्र एक भैंस है और उस भैंस का मुंह आम जनता की तरफ है और थन तंत्र की तरफ ह,ै तंत्र जितना चाहे दूध निकाल सकता है, लोक उस भैंस को खाना खिलाने के लिए बाध्य है। जो भी लोग निजीकरण का विरोध करते हैं उन सब का मुख्य उद्देश्य है कि वह हमेशा इसी तरह लूटपाट करते रहे। भ्रष्टाचार के अवसर खुले रखें। मेरा आपसे निवेदन है कि इस प्रकार जो लोग निजीकरण का विरोध करते हैं। उन्हें प्रत्यक्ष समझाइए कि उन्हें इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्टाचार का पोषण नहीं करना चाहिए। सरकारीकरण और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
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