महंगाई या तुष्टिकरण क्या चाहता है देश : GT-448

महंगाई या तुष्टिकरण क्या चाहता है देश :

 कल कांग्रेस की प्रमुख नेता प्रियंका गांधी ने इस बात की चुनौती दी, कि नरेंद्र मोदी महंगाई और बेरोजगारी पर एक चुनाव लड़कर देख ले उन्हें पता चल जाएगा कि उनको कितना जन समर्थन है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने यह चुनौती दी है, कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण पर एक चुनाव लड़कर देख ले उसको पता चल जाएगा कि उसको कितना जन समर्थन है। मैं समझता हूँ कि वर्तमान भारत में महंगाई नाम की कोई समस्या है ही नहीं महंगाई तो लगातार घटती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी, नरेंद्र मोदी इस चुनौती को इसलिए स्वीकार नहीं कर सकते, क्योंकि पिछले 60 वर्षों से भाजपा और नरेंद्र मोदी भी महंगाई का हल्ला करते रहे हैं। महंगाई के नाम पर ही जब आप चुनाव लड़ते रहे हैं, तो आज सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते। इसलिए महंगाई के नाम पर नरेंद्र मोदी पीछे हट जाते हैं, जबकि महंगाई है ही नहीं। बेरोजगारी के मामले में भी इसी तरह नरेंद्र मोदी और भाजपा 70 वर्षों तक बेरोजगारी का हल्ला करते रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि शिक्षित बेरोजगारी पूरी तरह शून्य हो गई है। सरकारी नौकरी का हल्ला करना बिल्कुल बेकार है, क्योंकि जिस गति से शिक्षा बढ़ रही है, उस गति से नौकरी नहीं दी जा सकती। जिस गति से एआई बढ़ रही है, उस गति से नौकरी घटना स्वाभाविक है। नौकरी को शिक्षा रोजगार से नहीं जोड़ा जा सकता, सिर्फ श्रमजीवी ही बेरोजगार माना जा सकता है, शिक्षित नहीं। लेकिन यदि हिंदू-मुसलमान पर एक बार चुनाव हो जाए तो कांग्रेस पार्टी को पूरे भारत में एक भी सीट नहीं मिलेगी, मुसलमान की भी नहीं है। इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने यह घोषणा कर दी है कि यदि अगले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत गई तो भविष्य में चुनाव कभी नहीं होंगे, क्योंकि कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण छोड़ेगी नहीं, और अल्पसंख्यक के नाम पर किसी भी चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकेगी। कांग्रेस पार्टी के लिए यह चुनाव जीवन मरण का प्रश्न है, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने यह घोषणा कर दी है, कि इस चुनाव के बाद भविष्य में कोई चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिलेगा, मैं समझता हूँ कि चुनाव ठीक दिशा में जा रहा है।