नई समाज व्यवस्था में लोक स्वराज ही एकमात्र समाधान होगा।

10 नवंबर प्रातः कालीन सत्र स्वतंत्रता के पहले भारत में दो विचारधाराए थी एक गांधी विचारधारा दूसरी नेहरू विचारधारा। सावरकर की विचारधारा का कोई अस्तित्व नहीं था। स्वतंत्रता के बाद सिर्फ नेहरु विचारधारा ही रह गई गांधी विचारधारा को समाप्त कर दिया गया। अब वर्तमान समय में न गांधी हैं ना नेहरू है। वर्तमान समय में भारत में दो ही विचारधाराए काम कर रही हैं एक है नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत की विचारधारा और एक है कम्युनिस्ट विचारधारा जिसे भारत के मुसलमान और विपक्षी दलों का आंख बंद करके समर्थन है। हम कम्युनिस्ट विचारधारा के खिलाफ हैं। हम एक तीसरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो प्रतिदिन रात को 8:00 बजे से बैठकर वर्तमान दुनिया की सभी समस्याओं पर चिंतन मंथन करते हैं उनके कारण खोजते हैं समाधान खोजते हैं और निष्कर्ष निकालते हैं। हम लोगों ने यह तय किया है कि हम कम्युनिस्ट विचारधारा के विरोधी हैं। साम्यवादी विचारधारा के खिलाफ जो भी आगे आएगा हम उसे विचारधारा का समर्थन कर सकते हैं और करेंगे भी लेकिन हमारी तीसरी विचारधारा है लोक स्वराज क्योंकि लोग स्वराज ही सभी समस्याओं का समाधान है लोकतंत्र नहीं हम वर्तमान समय में कम्युनिस्ट विचारधारा के खिलाफ लोकतंत्र का समर्थन कर रहे हैं यह परिस्थितिजन्य है लेकिन हम समय आने पर लोकतंत्र के विरुद्ध लोक स्वराज को खड़ा करेंगे हमारी ऐसी पूरी तैयारी है। नई समाज व्यवस्था में लोक स्वराज ही एकमात्र समाधान होगा। हम किसी भी रूप में हिंसा के विरोधी है हम नरम हिंदुत्व के माध्यम से ही अपने विचारधारा को दुनिया भर में ले जाएंगे।