ज्ञान कथा क्या है !
मैंने सितम्बर महीने मे हर महीने की एक तारीख को ज्ञान कथा करने का निर्णय लिया था। एक अक्टूबर को पहला ज्ञान कथा आयोजित हुआ था। तब से हर महीने की एक तारीख को हम लोग एक विशेष दिन मानते हैं । आपके अंदर यह जानने की इच्छा होगी कि आखिर ज्ञान कथा है क्या! पिछले 67 वर्ष पूर्व मैंने निष्कर्ष निकाला था कि दुनिया ठीक दिशा में नहीं जा रही है इसका कारण और समाधान खोजना होगा । मैंने 67 वर्षों तक रामानुजगंज, दिल्ली और ऋषिकेश रहकर और सारा देश घूम कर मैंने समाज विज्ञान और समाजशास्त्र के साथ-साथ अन्य विषयों पर भी शोध किया और समझा । मेरे रिसर्च में जो निष्कर्ष निकला उसको मैंने 1 साल पहले मार्गदर्शक सामाजिक शोध संस्थान को सौंप दिया। अब मैं अपना शेष समय समाज सेवा में लगाने का निश्चय किया है। इसी को मैंने अपना कर्म सन्यास मान लिया। समाज विज्ञान को जनता तक किस तरह पहुंचाया जाए यह एक चिंता थी क्यूंकि समाज में दो तरह के लोग हैं एक विद्वान और दूसरे सामान्य लोग जिन्हें हम layman कहते हैं, इसके लिए हम लोगों ने दो प्रयास किया है एक जो समाज विज्ञान की जटिल बातें हैं उसको समझाने के लिए हम लोगो ने एक अपना अनुसंधान केंद्र बना करके उस के माध्यम से विद्वान लोगो तक पहुंचा रहे हैं, संस्था वह कार्य कर रही है। दूसरा ज्ञान कथा जिसके माध्यम से सामान्य लोगों तक समाज विज्ञान को सरल एवं व्यवहारिक तरीके से पहुंचाया जा रहा है। अभी तक दो ज्ञान कथा आयोजित हो चुकी है आज 1 दिसम्बर को तीसरी ज्ञान कथा है । संपूर्ण समाज विज्ञान के आधार पर मैंने जो यथार्थ दर्शन प्रस्तुत किया उस समाजशास्त्र को अति संक्षिप्त रूप में प्रकट करने का माध्यम है ज्ञान कथा । सामान्य लोगों के पास ना तो संपूर्ण समाजशास्त्र को समझने का समय है और ना ही ललक इसलिए संपूर्ण समाजशास्त्र को अति संक्षेप में मैंने 12 घंटों में समेटने का निर्णय किया है। हर महीने की 1 तारीख को ज्ञान कथा का एक अंक पूर्ण होता है जिसमे समाज के समस्याओ पर चर्चा होती है, आगे चलकर हम समस्याओ के समाधान पर भी चर्चा करेंगे। 12 महीने में यह ज्ञान कथा पूरी हो जाएगी। यह ज्ञान कथा लोगों के व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में बहुत काम आएगी। इस ज्ञान कथा को सुनने वालो की समझदारी विकसित होगी, यह भी कह सकते है कि एक प्रकार से समझदारी विकसित करने का यह एक कोर्स है इसलिए इस ज्ञान कथा में साधारण से साधारण लोगों को जुड़ना और जोड़ना चाहिए। परिवार मे हर प्रकार के सभी लोग यदि महीने में 1 दिन ज्ञान कथा सुनेगे तो कोर्स पूरा होने के उपरांत उनको महसूस होगा कि मेरे अंदर कुछ ना कुछ समझदारी का विकास हुआ है। आप सबसे निवेदन है कि हर माह की एक तारीख को जूम या फेसबुक के माध्यम से आप लोग ज्ञान कथा से जुड़े, सुने और प्रश्न भी करें। जो नहीं जुड़ पाते हैं वह बाद में हमारे यूट्यूब चैनल margdarshak media और फेसबूक पेज kaash india पर ज्ञान कथा सुन सकते हैं।
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