महाराष्ट्र के मुंबई में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने एक साथ मिलकर एक सभा की।

आज महाराष्ट्र के मुंबई में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने एक साथ मिलकर एक सभा की। मंच पर दोनों ने मिलकर कुछ घोषणाएं भी की उनमें से एक घोषणा यह की गई कि  मराठों ने पूरे भारत पर डेढ़ सौ वर्षो तक शासन किया है हमें इस बात का गर्व है। एक बात यह भी खुलेआम कही गई कि यदि हमें न्याय नहीं मिलेगा तो हम गुंडागर्दी करेंगे यदि हमे न्याय नहीं तो हम हिंसा भी करेंगे। हम गुंडा और हिंसक कहे जाने से नहीं डरते। एक बात यह भी कही गई की जो काम अब तक बालासाहेब ठाकरे नहीं कर सके वह काम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने फड़नवीस ने कर दिखाया है। इस तरह की कुछ और भी घोषणाएं हुई। स्पष्ट है की राज ठाकरे गुंडागर्दी के बल पर स्थापित हुए थे लेकिन मजबूरी में उन्हें शराफत दिखानी पड़ रही थी दूसरी ओर उद्धव ठाकरे की पहचान एक शरीफ आदमी की बनी हुई थी लेकिन मजबूरी में अब उन्हें गुंडागर्दी के मार्ग पर जाना पड़ रहा है और इस तरह राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने मिलकर एक गुंडा शक्ति प्रदर्शन किया है । अब महाराष्ट्र में गुंडागर्दी को एक मुख्य हथियार बनाया जाएगा । विचारणीय प्रश्न यह है कि भारत लगातार हिंदी हिंदू हिंदुस्तान के मार्ग पर चलता रहा है हमें इस बात का गर्व है कि हमें हजारों वर्षों तक गुलाम बनाकर रखा गया लेकिन हमने अपनी शराफत कभी नहीं छोड़ी । हम लोगों ने कभी किसी को भी गुलाम नहीं बनाया क्योंकि हिंदी हिंदू हिंदुस्तान इन तीनों की मूल संरचना में गुलाम बनाने को कभी मान्यता नहीं दी गई है और इसलिए हमें अपनी शराफत पर गर्व है । दूसरी ओर देश का मुसलमान इस बात पर गर्व करता है कि हमने भारत को कई सौ वर्षो तक गुलाम बनाकर रखा हमारे देश के इसाई भी ऐसा महसूस करते हैं कि हमने भारत को गुलाम बनाकर रखा था और आज उद्धव राज ठाकरे ने भी गर्व से यह बात कही कि हमने डेढ़ सौ वर्षो तक पूरे भारत पर शासन किया है। इस तरह हम हजारों वर्षों तक गुलाम रहने के बाद भी हमें अपनी शराफत पर आज भी गर्व है और हमें हजारों वर्षों तक गुलाम बनाकर रखने वालों को अपनी इस बात पर गर्व है कि हमने दूसरों को गुलाम बनाकर रखा । हम अपनी शराफत नहीं छोड़ेंगे क्योंकि हम हिंदी हिंदू हिंदुस्तान के पक्षधर हैं जो लोग इस्लाम गुंडागर्दी और हिंसा के पक्षधर हैं वह अपनी इन प्रवृत्तियों पर गर्व कर सकते हैं। मैं उद्धव राज ठाकरे की घोषणाओं को ना पसंद करता हूं ।अब भारत के लोगों को यह तय करना है कि वह शराफत को पसंद करते हैं या गुंडागर्दी को। अब राहुल गांधी अखिलेश यादव लालू यादव को सामने आकर बताना चाहिए कि वह कैसा भारत चाहते हैं।