हमें दुनिया में दो प्रकार के लोग दिखते हैं कुछ लोग व्यक्ति होते हैं और कुछ नागरिक ।

20 जुलाई प्रातः कालीन सत्र । हमें दुनिया में दो प्रकार के लोग दिखते हैं कुछ लोग व्यक्ति होते हैं और कुछ नागरिक । व्यक्ति और नागरिक में क्या अंतर है यह बात आमतौर पर लोग नहीं जानते इसलिए यह बात हमें गंभीरता से समझनी पड़ेगी। व्यक्ति के विषय में तो मैं पहले से ही ठीक समझता था लेकिन नागरिक की परिभाषा में मेरे  दिमाग में कुछ भ्रम था जो कल चर्चा करने से दूर हुआ और मैं व्यक्ति तथा नागरिक की अब अलग-अलग लेकिन सही परिभाषा करने की स्थिति में हूं। व्यक्ति वह होता है जिसके मौलिक अधिकार होते हैं लेकिन संवैधानिक अधिकार नहीं होते इस प्रकार के व्यक्तियों की संख्या दुनिया में लगभग शून्य है क्योंकि हर व्यक्ति किसी न किसी देश का नागरिक होता है‌। लेकिन जब वह व्यक्ति किसी दूसरे देश में जाकर निवास करता है तो वह वहां का नागरिक नहीं रहता व्यक्ति बन जाता है। क्योंकि व्यक्ति के सिर्फ मौलिक अधिकार होते हैं संवैधानिक नहीं लेकिन नागरिक के मौलिक अधिकार तो होते ही हैं नागरिक के संवैधानिक अधिकार भी होते हैं इस तरह नागरिक को हम मौलिक और संवैधानिक दोनों अधिकारों से संयुक्त मानते हैं। नागरिक को वोट देने का भी अधिकार प्राप्त है जो अधिकार व्यक्ति को नहीं है। यदि कोई व्यक्ति नागरिक नहीं बनना चाहता है तो हम उसे नागरिकता के लिए बाध्य नहीं कर सकते लेकिन हम उसे अपने देश से निकाल सकते हैं क्योंकि वह हमारे देश में हमारी सहमति से ही रह सकता है लेकिन हम किसी भी व्यक्ति को मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं कर सकते क्योंकि मौलिक अधिकार प्रकृति प्रदत्त  है संविधान प्रदत्त नहीं। संविधान मौलिक अधिकारों के सुरक्षा की गारंटी देता है। गाय को हम संवैधानिक अधिकार दे सकते हैं लेकिन गाय के मौलिक अधिकार नहीं है इसलिए हम उसे नागरिक नहीं मानते भले ही उसके पास संवैधानिक अधिकार है इसी तरह यदि एक कुत्ते को हमने डीआईजी बना दिया तो वह नागरिक नहीं बन सकता यद्यपि उसे संवैधानिक अधिकार प्राप्त है इस तरह व्यक्ति और नागरिक का हमें अंतर समझाना पड़ेगा यह बात सच है की भारत में ऐसे लोगों की संख्या ना के बराबर है जो व्यक्ति हैं लेकिन नागरिक नहीं है क्योंकि भारत में रहने वाले हर व्यक्ति या तो भारत के नागरिक हैं या किसी अन्य देश के नागरिक हैं और हमारी सहमति से यहां रह रहे हैं इस तरह हमने आज व्यक्ति और नागरिक का फर्क समझने की कोशिश की है