वर्तमान समय में सबकी शिक्षा एक समान है GT-440

वर्तमान समय में सबकी शिक्षा एक समान है:

मेरे एक मित्र विनोद शाह जी ने लिखा है कि सब की शिक्षा एक समान होनी चाहिए। मेरे विचार से सब की शिक्षा तो एक समान है ही उसमें कहां कोई भेदभाव है। सब लोग अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार कहीं भी पढ़ने के लिए स्वतंत्र है। कहीं कोई भेदभाव नहीं है। जिस तरह सबको गरीबी रेखा के नीचे जीने वालों को एक समान भोजन, एक समान वस्त्र की गारंटी है इसी तरह उन्हें समान शिक्षा की गारंटी है। उसके ऊपर के जो लोग हैं वे लोग भोजन भी स्वतंत्रता से कर सकते हैं, कपड़े भी स्वतंत्रता से पहन सकते हैं, आवागमन में भी वह स्वतंत्र हैं, शिक्षा में भी स्वतंत्र हैं, स्वास्थ्य में भी स्वतंत्र हैं दुनिया के हर किसी मामले में ऊपर के लोग सब स्वतंत्र हैं और नीचे के लोगों को सबको समान सुविधा है। इसलिए यह एक फैशन चल पड़ा है कि सारे निकम्मे लोग कहते हैं शिक्षा समान होनी चाहिए। यह नारा पूरी तरह से गलत है। इसका कोई अर्थ नहीं है क्योंकि शिक्षा तो सब की अपने आप समान है ही। मैं अभी तक नहीं समझा कि ऊपर के लोगों का भोजन समान है, जीवन स्तर असमान है तो ऊपर के लोगों की शिक्षा समान हो यह कैसी गलत बात प्रचारित हो रही है। इसलिए जो लोग शिक्षा समान का नारा लगाते हैं यह गलत है क्योंकि शिक्षा तो समान है ही।