मुझे अभी तक यह पता नहीं है कि यह परिभाषा कब बनी कि लोकतंत्र में विपक्ष होना आवश्यक है
दुनिया के अनेक देशों में लोकतंत्र है भारत में भी लोकतंत्र माना जाता है। बार-बार यह कहा जाता है कि लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष होना आवश्यक है। मुझे अभी तक यह पता नहीं है कि यह परिभाषा कब बनी कि लोकतंत्र में विपक्ष होना आवश्यक है और वह विपक्ष भी मजबूत विपक्ष होना चाहिए कमजोर नहीं। इसी तरह लोकतंत्र में कहा जाता है संसद को सुचारू रूप से चलाना सरकार की जिम्मेदारी है विपक्ष की नहीं मेरे विचार से ऐसी कोई परिभाषा नहीं है संसद को सुचारू रूप से चलाना सब की जिम्मेदारी है चाहे वह पक्ष हो या विपक्ष हो। इसी तरह यह बात भी कही जाती है की जनता सरकार से प्रश्न कर सकती है विपक्ष से नहीं। मेरे विचार में यह बात कही लिखी हुई नहीं है क्योंकि सरकार को संसद बनाती है और प्रश्न संसद से होना चाहिए सरकार से नहीं। संसद में विपक्ष शामिल होता है जनता ने संसद को वोट दिया है और इसलिए पूरी संसद उत्तरदाई होती है। लोकतंत्र पर इसी तरह और भी प्रश्न हो सकते हैं लेकिन कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न मैंने उठाए हैं।
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