वर्तमान आर्थिक व्यवस्था एक षड़यंत्र
सत्तावन वर्ष पूर्व जब से मैने होश संभाला तभी से मैं यह मानता हूँ कि वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था गरीबो, ग्रामीणो,...
सत्तावन वर्ष पूर्व जब से मैने होश संभाला तभी से मैं यह मानता हूँ कि वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था गरीबो, ग्रामीणो,...
दिल्ली में शकरपुर में रहते हुए मुझे सात माह हो गये । मेरे निवास के दायीं ओर दो तीन फर्लांग के बाद झुग्गी झोपड़ी...
व्यक्ति दो प्रकार के होते हैं 1 शरीफ 2 अपराधी । शरीफ को प्राचीनकाल मे देव तथा अपराधियों को राक्षस कहा जाता था ...
दुनियाँ में आर्थिक दृष्टि से दो ही प्रणालियाँ प्रचलित रही हैं- 1 पूँजीवाद 2 साम्यवाद । इस्लाम की पहचान धार्मिक...
समस्याएं कई प्रकार की होती है। उनमें भी तीन प्रकार प्रमुख माने जाते हैः- 1. सामाजिक 2. आपराधिक 3. आर्थिक। इन त...
हमारी प्रमुख समस्या नागरिकता की पहचान अथवा गिरती हुई अर्थव्यवस्था मैं बहुत वर्षों से लिखता रहा हूॅ कि साम्यवा...
कुछ सर्वस्वीकृत सिद्धांत हैं- 1 किसी भी व्यक्ति की भौतिक उन्नति का लाभ मुख्य रुप से व्यक्तिगत होता है और नैति...
कुछ सर्व स्वीकृति सिद्धान्त है 1 पूरी दुनिया तेज गति से भौतिक उन्नति कर रही है और उतनी ही तेज गति से नैतिक पत...
कुछ सर्वस्वीकृत सिद्धांत हैं - 1 राज्य का एक ही दायित्व होता है जानमाल की सुरक्षा । अन्य सभी कार्य राज्य के क...
आर्थिक असमानता का परिणाम और समाधान प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार होता है कि वह प्रतिस्पर्धा करते हुये किसी...
कुछ स्वीकृत निष्कर्ष हैः- आर्थिक समस्याओं का सिर्फ आर्थिक समाधान होना चाहिये। किसी भी परिस्थिति में प्रशा...
कुछ सर्व स्वीकृत सिद्धान्त है। 1 समाज को धोखा देने के लिये चालाक लोग परिभाषाओ को ही विकृत कर देते है उससे पूर...