भीड़ समर्थित हिंसा का क़ानूनी संरक्षण भी सड़क दुर्घटना बढ़ाने का कारण: GT-440

भीड़ समर्थित हिंसा का क़ानूनी संरक्षण भी सड़क दुर्घटना बढ़ाने का कारण:

कांग्रेस एक सांप्रदायिक दल है और इस्लाम एक हिंसक संगठन है। कांग्रेस ने मौब लिंचिंग को छोटा अपराध बनाया और मुसलमान ने इस कानून का दुरुपयोग किया। 70 वर्षों से पूरा देश देख रहा है कि किसी भी हिंसा में पहल मुसलमान की ओर से ही होती है क्योंकि वह पहले आक्रमण को सफलता का हथियार मानता है और कानून के अनुसार भी भीड़ के द्वारा किया गया उपद्रव बड़ा अपराध नहीं है। सन 1984 के दंगों में भी कांग्रेस पार्टी ने इसी गलत कानून का दुरुपयोग किया था। इस गलत कानून के कारण ही समाज में हिंसा बढ़ी है और यदि कोई छोटा-मोटा भी एक्सीडेंट हो जाए तो भीड़ या तो आग लगती है या हिंसा करती है। इसी भय के कारण लोग भीड़ से बचते हैं। अब भारत सरकार ने नया कानून बनाया है जिससे भीड़ हिंसा करने से डरेगी और गलती से एक्सीडेंट करने वालों को भगाने की मजबूरी नहीं रहेगी। फिर भी यदि कोई जानबूझकर गलती के दंड से बचने  की कोशिश करेगा तब उसे कठोर दंड दिया जाएगा। इस कानून से कांग्रेसियों और मुसलमान को बहुत कष्ट हो रहा है। दोनों इकट्ठे होकर इस कानून का विरोध कर रहे हैं लेकिन समाज में हिंसा को रोकने के लिए यह कानून बहुत उपयोगी है।

भारत सरकार ने अभी-अभी तीन पुराने कानून को नया स्वरूप दिया है। अब तक आमतौर पर ऐसा होता रहा है कि भीड़ यदि किसी व्यक्ति की मार-मार कर हत्या कर दे तो उसे बहुत गंभीर अपराध नहीं माना जाता था ऐसा माना जाता था कि भावना में भाकर यह हत्या की गई है, इसे मौब लिंचिंग कहा जाता था। इसका परिणाम होता था कि यदि कोई व्यक्ति गलती से भी कोई एक्सीडेंट कर दे, कोई मर जाए या चोट लग जाए और वह ना भागे तो भीड़ ऐसे व्यक्ति को मारति पीटती थी गाड़ी में आग लगती थी हत्या कर देती थी। फलस्वरूप बेचारा गाड़ी वाला डरकर भाग जाता था। अब सरकार ने यह कानून बनाया है कि भीड़ यदि किसी व्यक्ति की हत्या करेगी तो उस भीड़ में शामिल लोगों को फांसी की सजा भी दी जा सकती है। अब इस प्रकार गलती करके भागने की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी। इसके साथ ही सरकार में यह भी कानून बनाया है कि यदि कोई गाड़ी वाला ड्राइवर किसी प्रकार का एक्सीडेंट करके और अपने को बचाने के लिए भाग जाएगा उस एक्सीडेंट व्यक्ति की मदद नहीं करेगा तो उसे भी कठोर कारावास का दंड दिया जाएगा साधारण कारावास नहीं। मेरे विचार से यह दोनों ही कानून बहुत अच्छे बने हैं यद्यपि इस कानून का भीड़ में शामिल लोग भी और गाड़ी के ड्राइवर भी विरोध कर रहे हैं लेकिन मैं ऐसा मानता हूं कि विरोध करने वालों का राजनीतिक उद्देश्य है या आपराधिक उद्देश्य है। वास्तव में यह कानून प्रशंसा योग्य है। अब ना गलती करने वालों पर भीड़ आक्रमण करेगी और ना ही गलती करने वाले को भागने की छूट रहेगी।