आतंकवाद का उन्मूलन जरुरी: GT-439

आतंकवाद का उन्मूलन जरुरी:

समाचार मिल रहे हैं कि भारत सरकार ने मुस्लिम आतंकवादियों से निपट लेने के बाद अब खालिस्तानी आतंकवादियों पर योजनाबद्ध आक्रमण किया है। लगभग 6 महीने से बहुत सोच- समझकर इस योजना पर काम किया गया जिसके अंतर्गत कनाडा से लेकर पंजाब तक में बहुत हलचल देखी जा रही है। मैं लगातार अनुभव कर रहा हूँ कि भारत सरकार हर मामले में सोच- समझकर निर्णय कर रही है और विपक्षी दल सारे निर्णय गलत ले रहे हैं। यदि मणिपुर में भी सोचा जाए तो भी विपक्षी दलों का रवैया समाज विरोधी ही माना जा सकता है। साथ ही खालिस्तान और मुस्लिम आतंकवाद के विषय में भी विपक्षी दलों का रवैया ठीक नहीं है। वर्तमान भारत में नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत मिलकर जो सरकार चला रहे हैं वह ठीक दिशा में जा रही है और हम सबको खुलकर राजनैतिक मामलों में इस सरकार का समर्थन करना चाहिए।

फिर समाचार मिला कि पाकिस्तान में एक ऐसे व्यक्ति की हत्या हो गई है जिसने पहले भारत में बहुत आतंक मचा रखा था और जाकर पाकिस्तान में रहने लग गया था। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे छिपे हुए सिख और मुस्लिम आतंकवादियों की हत्याएं आमतौर पर हो रही हैं। यह हत्याएं अपने आप हो रही हैं अथवा इसमे नरेंद्र मोदी सरकार का हाथ है यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। सच बात तो यह है कि इसमें मोदी सरकार का हाथ होने का अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है लेकिन यदि अप्रत्यक्ष रूप से ऐसा होता भी है जैसा संदेह कनाडा सरकार ने व्यक्त किया है अथवा यदा कदा पाकिस्तान भी ऐसे आरोप लगाते रहता है। यदि यह इन आरोपों में गुप्त रूप से कोई सच्चाई भी है तो इसके लिए नरेंद्र मोदी सरकार बधाई के पात्र ही है, आलोचना के नहीं। क्योंकि जो वहां मारे गये हैं वह आतंकवादी थे। दूसरे देशों में षड्यंत्र कर रहे थे और यदि नरेंद्र मोदी ने ईश्वर से या कुछ अन्य लोगों से प्रार्थना की जिसके परिणाम स्वरुप वह मारे गए तो इसमें नरेंद्र मोदी की गलती क्या है? मैं यह समझता हूं कि उन देशों ने जिन्होंने ऐसे आतंकवादियों को शरण दी है उन देशों ने गलत किया है वास्तव में तो इनको मरना ही चाहिए था। लेकिन हम भारत में वैसा नहीं कर पाए और विदेशों में अपने आप वैसा हो गया।

यह हत्या ईश्वरीय है स्थानीय है या इसमें भारत सरकार का कोई हाथ है यह बात तो मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि 70 वर्षों से जो आतंकवादी तैयार हो रहे थे वह अब पिछले एक-दो वर्षों से नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में लगातार किसी न किसी तरीके से मारे जा रहे हैं, तो मैं पनौती नेहरू परिवार को मानूं या नेहरू  परिवार को मानूं। यदि नरेंद्र मोदी की बात ईश्वर या खुदा सुन रहा है तो मैं नरेंद्र मोदी को कैसे दोष दे सकता हूं। सच बात तो यह है कि यदि पनौती का कोई प्रभाव होता है जिस पर मुझे कोई विश्वास नहीं है लेकिन यदि होता है तो उसके लिए नेहरू परिवार ही जिम्मेदार है, नरेंद्र मोदी नहीं।