नई राजनीतिक व्यवस्था में नकद सब्सिडी प्रस्ताव

नई राजनीतिक व्यवस्था में नकद सब्सिडी प्रस्ताव

6 जुलाई 2025, प्रातःकालीन सत्र में हम वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन की दिशा में विचार कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य ऐसी व्यवस्था स्थापित करना है जो प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, समझदारी और निर्णय लेने की क्षमता को सम्मान दे। हम प्रतिदिन अपनी योजना के अनुसार नई व्यवस्था के स्वरूप को स्पष्ट कर रहे हैं।

हमारा प्रस्ताव है कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सभी सुविधाएँ (जैसे राशन, मुफ्त बिजली, पानी, आदि) बंद कर दी जाएँ और इन सुविधाओं पर होने वाला कुल खर्च प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से नकद राशि के रूप में वितरित किया जाए। यह विचार इस सिद्धांत पर आधारित है कि अब तक सरकार यह मानती आई है कि आम लोग अशिक्षित, अक्षम और गलत निर्णय लेने वाले हैं। पारंपरिक धारणा के अनुसार, यदि लोगों को नकद सहायता दी जाएगी, तो वे इसे शराब, जुआ या अन्य गैर-जिम्मेदाराना कार्यों में बर्बाद कर देंगे।हमारा दृष्टिकोण इसके ठीक विपरीत है। हम मानते हैं कि भारत का औसत व्यक्ति सरकारों की तुलना में अधिक समझदार और जिम्मेदार है। हमारी वर्तमान व्यवस्था लोगों को स्वतंत्र रूप से सोचने, निर्णय लेने और कार्य करने का अवसर नहीं देती, जिसके कारण उनकी स्वाभाविक बुद्धिमत्ता और क्षमता दब जाती है। हमारा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को गलती करने की स्वतंत्रता भी होनी चाहिए, क्योंकि गलतियों से सीखने की प्रक्रिया ही प्रगति का आधार है। यह धारणा कि गलती की संभावना के कारण लोगों को स्वतंत्रता नहीं दी जानी चाहिए, मूल रूप से त्रुटिपूर्ण है।

इसलिए, हम इस सिद्धांत को पूर्ण रूप से बदलने का प्रस्ताव करते हैं और नकद सब्सिडी प्रणाली को लागू करने की दिशा में काम करेंगे। मैंने अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में इस सिद्धांत को लागू किया है और इसके सकारात्मक परिणाम देखे हैं। नकद सब्सिडी के माध्यम से हम लोगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय लेने की स्वतंत्रता देंगे, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता और जिम्मेदारी बढ़ेगी।