हम नई समाज व्यवस्था में शराब और सेक्स इन दोनों को पूरी तरह किसी कानून से मुक्त कर देंगे

4 नवंबर प्रातः कालीन सत्र। हम नई समाज व्यवस्था में शराब और सेक्स इन दोनों को पूरी तरह किसी कानून से मुक्त कर देंगे क्योंकि हमारा यह मानना है कि समाज व्यवस्था में कानून जितने ज्यादा होते हैं उतनी ही व्यक्ति की समझदारी कम होती जाती है। इसलिए हम शराब और सेक्स के विषय में जो भी कानून बने हुए हैं सबको समाप्त करेंगे। कल ही रिपोर्ट मिली है की दुनिया के मुस्लिम देशों में शराब की खपत बहुत कम है लोग उपयोग नहीं करते क्योंकि वहां तानाशाही है पश्चिम के लोकतांत्रिक देश में शराब तेजी से घट रही है क्योंकि वहां लोकतंत्र है भारत में शराब तेजी से बढ़ रही है क्योंकि भारत ना तानाशाही की दिशा में है ना लोकतंत्र की दिशा में है। भारत में कानून बनाकर शराब को रोका जा रहा है जबकि यह संभव नहीं है या तो आप तानाशाही से शराब रोक सकते हैं अथवा समझदारी से रोक सकते हैं। हम लोग तानाशाही की जगह समझदारी का मार्ग चुनेगे। लेकिन हमारे भारत की राजनीतिक व्यवस्था यह तय नहीं कर पा रही है कि हम तानाशाही की दिशा में जाएं या समझदारी की दिशा में। यही कारण है कि भारत में सेक्स और शराब दोनों बढ़ रहे हैं। इसलिए हम लोगों ने व्यवस्था परिवर्तन करके सेक्स और शराब दोनों को पूरी तरह छूट देने का निर्णय किया है जिससे समझदारी के माध्यम से इन दोनों पर नियंत्रण किया जा सके। हम इस विचारधारा के खिलाफ हैं कि व्यक्ति नासमझ होता है और उसे नियंत्रित करने की जरूरत है हम यह मानते हैं कि व्यक्ति  समझदार बन सकता है यदि उसे निर्णय की स्वतंत्रता दी जाए।