“लोकतंत्र की हत्या” राजनीतिक झूठ GT-440
“लोकतंत्र की हत्या” राजनीतिक झूठ:
वर्तमान समय में भारत में राजनीति का स्तर कितना गिर गया है यह बात इस बात का प्रमाण है कि राजनेता अधिक से अधिक झूठ बोलने में अपने को माहिर माने लगे हैं। राजनेता नहीं समझ रहे कि जनता उनके झूठ को झूठ समझ रही है। कल ही शिवसेना के विषय में विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय दिया। निर्णय सही है या गलत इस विषय पर मैं कोई चर्चा नहीं कर रहा लेकिन शिवसेना के अनेक मूर्खों ने जिन में उच्च पदाधिकारी भी शामिल हैं उन्होंने इस निर्णय को लोकतंत्र की हत्या बताया। मैं आज तक नहीं समझ सका कि लोकतंत्र की हत्या प्रतिदिन होती है और प्रतिदिन लोकतंत्र जिंदा हो जाता है। प्रतिदिन लोकतंत्र की हत्या भी यही मूर्ख नेता लोग करते हैं और लोकतंत्र मजबूत है यह बात भी यही मूर्ख लोग कहते हैं यह मूर्ख नेता रोज दो तरफ बातें करते हैं जबकि लोकतंत्र न कभी मरा है ना कभी जिंदा हुआ है। लोकतंत्र तो एक व्यवस्था है। आप गंभीरता पूर्वक विचार करिए कि यह बड़े-बड़े नेता इस प्रकार की झूठ बोलकर जनता को ठगना चाहते हैं। जनता भी इन मूर्खों की झूठ को अच्छी तरह समझ रही है लोकतंत्र कोई रावण नहीं है जो कितने भी बार मार देने के बाद जिंदा होता चला जाए। लोकतंत्र एक व्यवस्था है जिसे सिर्फ तानाशाही ही मार सकती है, अन्य कोई नहीं। भारत में ना तानाशाही है ना होने की कोई संभावना है इसलिए लोकतंत्र की हत्या जैसे शब्दों का उपयोग करने से राजनेताओं को बचना चाहिए।
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