दिशा और दशाहीन कांग्रेस पार्टी: GT-440

दिशा और दशाहीन कांग्रेस पार्टी:

कांग्रेस पार्टी को मैं 70 वर्षों से देख रहा हूं। एक परिवार इसका संचालक है और बाकी सब गुलाम लोग जो किसी न किसी स्वार्थ के कारण जुड़े हैं अन्यथा यह कोई राजनीतिक दल नहीं हैं। अभी इस दल के गुलामों ने एक कन्फ्यूजन पैदा कर दिया। संसद में 5-6 लोगों ने जो उत्पात मचाया उस उत्पात के विरोध में कांग्रेस पार्टी के लोगों ने बहुत बड़ा हंगामा किया। इस मामले को बहुत बड़ा मामला सिद्ध करने का प्रयास किया। कांग्रेस के एक बड़े नेता आचार्य जी ने तो इस मामले को नक्सलवादी घटना तक बताने की कोशिश की। दूसरी ओर राहुल गांधी ने एकाएक इस मामले को साधारण घटना बताया और कहा कि देश में बढ़ रही बेरोजगारी के कारण युवक पथभ्रष्ट होकर इस प्रकार की घटनाएं कर रहे हैं। अब कांग्रेस पार्टी उलझन में है कि वह राहुल गांधी की बात का पक्ष ले अथवा संसद में जो आवाज उठी, उसका पक्ष ले। इस घटना को साधारण घटना सिद्ध करें या बड़ी घटना सिद्ध करें। इस उलझन में गुलाम लोग पड़े हुए हैं। कभी कुछ बोलते हैं तो कभी कुछ बोलते हैं। मेरे विचार में इस मामले की जांच होते तक चुप रहना चाहिए। यदि इस मामले में कोई षड्यंत्र है तो उजागर होते तक हम प्रतीक्षा करें, और यदि कोई षड्यंत्र नहीं है तो यह सिर्फ मूर्खों का काम है और इन मूर्खों को दंड देकर के इस मामले को खत्म कर देना चाहिए।